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ASPIRING WRITER's
AWARD
SaiKrishna kabat
REGISTRATION ID
B2133
YOUR FINAL SCORE IS IN BETWEEN
9.15 - 9.75
IFHINDIA CONGRATULATE YOU FOR BEING IN THE TOP 10 FINALISTS.
1. THE TITLE WINNER SCORE MUST BE MORE THAN 9.70 WHO WILL BE WINNING 1,50,000/- CASH PRIZE & YOU MAY BE ONE OF THEM FOR SURE BECAUSE OUR FINAL WINNER IS IN BETWEEN THOSE TOP 10 FINALISTS INCLUDING YOU.
2. SINCE YOU ARE ONE OF THOSE TOP 10 FINALIST YOU WILL BE GETTING EXCLUSIVE GIFT COUPON WORTH 5000/- EACH
(Note : You must participate either in ONLINE EVENT or OFFLINE EVENT without fail to get your AWARD BENEFITS)
3. ALL TOP 10 FINALIST INCLUDING YOU MUST PARTICIPATE IN THE MEGA EVENT EITHER OFFLINE OR ONLINE BECAUSE EVEN YOU MAY BE THE ONE WHO WIN THE TITLE FOR SURE.
4. INCASE YOU ARE NOT WILLING TO PARTICIPATE IN THE MEGA EVENT/ AWARD CEREMONY EITHER OFFLINE OR ONLINE then your journey in the contest will end here. HOWEVER YOU WILL STILL RECEIVE THE BEST 25 WRITERS BENEFITS but you will not get any benefits for being in the TOP 10 incase you quit from the contest hereafter.
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Written By
SaiKrishna kabat
Azad ka safar
“मैं खुदको जानता तो हु लेकिन फिर भी ना जाने क्यों अनजान हु आज अपनी नजरो में!!! सब ठीक था, मैं खुश था अकेले में लेकिन मैं इतना खुदगर्ज कैसे हो सकता हु? मेरा भी मां है, बाप है, उनके भी कुछ उमीदे है मुझसे। आखिर क्या गलत कर दिया उन्होंने, उम्मीद रख कर मुझसे?”, आजाद,अपनी ही परछाई से बात कर रहा था।
अगले ही सुबह, आजाद खुदको बदलने की कोशिश में लगा रहा। वो रोज जल्दी सो जाता, जल्दी उठता,भागता कुछ देर और फिर room पर लौटकर पढ़ने बैठता, कॉलेज जाता,कॉलेज से आके खाना बनाता, आराम करता,exercise करता, पढ़ने बैठता और फिर सोता… यही चीज़ें वो कई महीनों से करता रहा। इन कुछ महीनो में उसके जिंदगी में ऐसा बदलाव आया की अब उसे बस एक ही चीज दिख रहा था और वो हैं सिर्फ एक सरकारी नौकरी हासिल करना। ताकि वो अपने मां बाप की वो इज्जत लौटा सकें समाज में, जो उसने डुबाई थी उसके मां बाप के उम्मीदों पर पानी फेर के।
उसका engineering का लास्ट semester का final एग्जाम चल रहे थे। उसके सभी papers अच्छे गए लेकिन आखरी पेपर के दिन, उसके पीछे से एक लड़का धीरे से बोला, “भाई… 5 mark का एक question दिखा दे यार!! मैं पास कर जाऊंगा atleast”
आजाद, उस बन्दे को नहीं जानता था और नाही उसे दिखाने का मन था तो आजाद अपनी answer script को बांधने लगा लेकिन तभी उसे याद आया, उसके iit jee adv. Entrance exam का वो result का दिन जहां उसे थोड़े से mark की अहमीयत समझ आई थी। वो रुक गया, और answer script से दिखाने लगा।
“जल्दी कर भाई….!!”, आजाद
Exam खत्म होने के बाद, वो लड़का आजाद को मिलकर शुक्रिया कहना चाहता था लेकिन आजाद तो तुरंत अपने room पर लौट आया। उसने एग्जाम देने के बाद भी अपनी रोज की routine नहीं बदली और नाही उसने अपने पूरे एग्जाम के दौरान बदली थी,उसने ssc cgl का preparation जारी रखा।
एकदीन उसके रूम पर उसका 12th का एक दोस्त आया,शाम। उसका दोस्त आके कुछ पल के लिए वो आजाद को देखता रहा।
“सचिन भाई? चाय,पानी कुछ पिएगा?”, आजाद ने पूछा
“तू सच में आजाद ही है ना?”
“हां… और कौन?”, आजाद झूठ मूठ का हसी देते हुए बोला
“Are you sure?”
“हां।।”
“लग तो नहीं रहा!!!”
“अरे तू वो सब छोर, ये बता की क्या करता है आजकल???”
“कुछ नहीं बस बाप के business पे help कर रहा हु”
Phone पे alarm बजने लगा, आजाद के exercise करने का वक्त हो चुका था।
“रुख में तेरे लिए चाय चाय बनाता हु!!”
“अरे नहीं… यार वक्त ही नहीं है, थोड़े काम से इस तरफ आना हुआ तो सोचा तुझसे मिलते चलूं”
सचिन समझ गया था की आजाद का कुछ important काम होगा वरना शाम को कौनसा पागल अलार्म लगाएगा।
“क्या यार…!!”
“चलता हु, और अपनी ध्यान रखना साले.. पहचान में ही नहीं आ रहा”
सचिन के जाने के बाद, आजाद अपने washroom गया और सिशे में देखने लगा। उसने महसूस किया की वाकई में पिछले 1 साल में बहुत बदल चुका वो। लेकिन अचानक से उसके अंदर से एक आवास आया “ये सोचने का वक्त नहीं है यार….कुछ हासिल करने का है !!”
वो तुरंत अपने काम पर लग गया।
आखिर कार एग्जाम का घड़ी आ चुकी थी जिसका preparation के लिए वो खुद को भूल चुका था।
एग्जाम देने के बाद, result से ठीक 1 दिन पहले आजाद अपने गांव लौटा। आजाद 4th year से पहले हर महीना घर लौट आता था, लेकिन 4th year के बाद,cgl exam का interview तक देने के बाद घर लौटा। उसने पिछले एक साल में अपने घरवालों से बात चीत बिलकुल भी नहीं की, हर महीना उसके पिता हर महीना पैसा भेज दिया करता था आजाद के खर्चे के लिए।
“आजाद?!”,उसकी मां, उसे देख एक पल के लिए खुश हुई लेकिन अगले ही पल आजाद के चेहरे को देखकर उदास होने लगी , “तुझे घर की याद नहीं आई, पिछले एक साल में???और ये क्या बन गया है तू? हा?”, उसकी मां ने गुस्से में कहां।
आजाद, बस एक झुटी हसी देके घर के अंदर जाने लगा, सामने ही उसके पापा नजर आया लेकिन उहोंने कुछ भी नहीं पूछा। आजाद अपने कमरे में चला गया।
और अगले सुबह उसके घर के सामने से गुजरने वाली नदी के सामने बैठा रहा,result का इंतजार करते हुए। लेकिन जब result आया …जल्दी जल्दी से आपका phone खोलकर। Result check करने में लग गया… result देखते ही … उसके चेहरे पे 7th semester के बाद पहली बार मुस्कान देखी गई…जब वो पूरी दिल से मुस्कुराया, आखों में खुशी के आंसू थे ।
About the WRITER
SaiKrishna kabat
ABOVE PHOTOGRAPH WILL BE USED FOR
THE PARTICIPATION CERTIFICATE.
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