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ASPIRING WRITER's
AWARD
Veena Kumari
REGISTRATION ID
B1490
YOUR FINAL SCORE IS IN BETWEEN
9.15 - 9.75
IFHINDIA CONGRATULATE YOU FOR BEING IN THE TOP 10 FINALISTS.
1. THE TITLE WINNER SCORE MUST BE MORE THAN 9.70 WHO WILL BE WINNING 1,50,000/- CASH PRIZE & YOU MAY BE ONE OF THEM FOR SURE BECAUSE OUR FINAL WINNER IS IN BETWEEN THOSE TOP 10 FINALISTS INCLUDING YOU.
2. SINCE YOU ARE ONE OF THOSE TOP 10 FINALIST YOU WILL BE GETTING EXCLUSIVE GIFT COUPON WORTH 5000/- EACH
(Note : You must participate either in ONLINE EVENT or OFFLINE EVENT without fail to get your AWARD BENEFITS)
3. ALL TOP 10 FINALIST INCLUDING YOU MUST PARTICIPATE IN THE MEGA EVENT EITHER OFFLINE OR ONLINE BECAUSE EVEN YOU MAY BE THE ONE WHO WIN THE TITLE FOR SURE.
4. INCASE YOU ARE NOT WILLING TO PARTICIPATE IN THE MEGA EVENT/ AWARD CEREMONY EITHER OFFLINE OR ONLINE then your journey in the contest will end here. HOWEVER YOU WILL STILL RECEIVE THE BEST 25 WRITERS BENEFITS but you will not get any benefits for being in the TOP 10 incase you quit from the contest hereafter.
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Written By
Veena Kumari
नानी का घर एक ऐसी जगह थी, जहां की यादें मुझे हमेशा उत्साह और खुशियों से भर देती हैं |नदी के किनारे हरियाली से भरा वह गांव और गांव के बीच वे मिट्टी का घर जिसके अंदर एक विशाल निम्बू का पेड़ ,जिस पर पक्षियों ने अपना प्यारा-प्यारा घोसला बना रखा था|
जहां मैंने अपने बचपन के 2 साल नानी के खुबसूरत आंगन में बिताए जिसकी यादें मुझे आज भी प्रसन्ना प्रदान करती हैं |
नानी, उनकी आंखों में वह ममता और अपनापन साफ-साफ़ झलकता था ,उनके हाथ से बनी गर्म-गरम रोटियां दूध और मीठा का स्वाद आज भी जुबान पर ताजा है
मेरी दो मासी है और मेरे एक मामू थे मेरी माँ मासी से छोटी है पर मामू से बड़ी ,मैं और मेरी मासी की बेटी यानि दीदी दोनो साथ ही पढने के लिए नानी घर रहे थे
दीदी तो वहां पढ़ने गई थी और वह दसवीं में थी ,पर मैं वहां जाकर नदी में नहाणे, तैरने और दोस्त के साथ गन्ना तोड़ना, कबड्डी खेलने जैसे काम पर ज्यादा ध्यान दिया|तब मैं 6 साल की थी और पढाई से डरती थी
वहां एक मेरी दोस्ती जिसके साथ मिलकर मैंने बहुत मस्ती की थी,, नानी के यहां मेरी सुबह बहुत खास होती थी छोटी होने के कारण नानी मुझे प्यार से उठती, मैं उठती फिर
नहाती नदी जाकर ,देर करती तो नानी छोटा सा छड़ी लेकर मुझे इधर-उधर भगाति
घर आने पर मुझे खाना खिलाती खाना खाकर, मैं अपने दोस्त से ऊन बदला बदली करती फिर दोनो बैठकर स्वेटर बनाने की कोशिश करते थे|
कुछ समय बाद पढ़ने के लिए स्कूल ,और फिर स्कूल के बाद गन्ना तोड़ने और नदी में नहाने के लिए नानी से कोई बहाना बनाती
शाम से पहले कबड्डी खेलना और आंख में चोट लगाकर नानी से छुपने की कोशिश करना पर पकड़ी जाती थी, रात के समय नानी मुझे खोवा और रोटी देती|
नाना मुझे कहानियाँ सुनाते परियों की, जानवारों की, भूतिया कहानियाँ भी, जहां परियों की कहानी में परी बन जाती है, वही भूतिया कहानी से डर भी जाती
मेरी सररात नई-नई खोज में लगी थी | नानी ,मेरी मुझे संभालती ,खाना खिलती, नहाती और मेरी बाल बनाती
एक दिन मेरी मासी का बेटा आया और चिड़िया का घोंसला को पेड़ से नीचे गिरा दिया|
मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने उसकी आंख में मिर्च लगा दिया ,मैंने जिस घोषले को दूर से देख कर खुश होती और खाना देती थी ,उसे तोड़ दी थी ,फिर वह भी बदला लेना चाहा पर मैं दौड़ने में बहुत तेज थी मुझे वह पकड़ नहीं पाया तो वह दीदी को मैच लगा दी |
नानी ने पीटा डांटा तो मेरी ख़ुशी में चार चाँद
कुछ भी हो मुझसे लोग ज्यादा प्यार करते थे क्योंकि मैं नानी के छोटी बेटी की बड़ी बेटी थी
ऐसी ही मेरी मस्ती जारी थी ,कि एक दिन मुझे दादी घर आना पडा फिर कभी नहीं गई ,पढाई में व्यस्त होने के कारण ,और कुछ काम ने मुझे वह यादों से जुड़ने नहीं दिया, मेरे आने के 4 साल बाद मामू गुजर गया,दीदी को वही पढ़ाये थे और आज वह एक क्लार्क है
नाना नानी दुखी रहने लगे, मामी नाना नानी पर चिल्लाती , लड़ाई करती |
जब मैं सुनती तो मुझे बहुत ही बुरा लगता पर मैं कुछ नहीं कर पाती,
मामू के 5 साल गुजरने के बाद नानी बिस्तर पर रहने लगी, उनको कोई खाना नहीं देता, उनका वॉशरूम भी साफ नहीं करता और मामी और उनका बेटा बोलाटे कि तुम कब मरोगी|
एक दिन ठंडे में नानी हुआ गई और मैं नहीं जा पाई ,मैं सिर्फ रोटी राही पर , मैं उनकी मदद करना चाहती थी | पर मदद भी नहीं कर पाई
बस यादें ही मेरी है और वह एक दुनिया है जिसे कोई समझ नहीं पाएगा
शिक्षा: अपने नाना-नानी दादा-दादी से प्यार करो इतना करो कि उनका बचपन याद आजाए ,उनके जाने के बाद उनकी यादें ही साथ रहेंगी
लेखिका: वीणा कुमारी
विषय : यादों पर हक
About the WRITER
Veena Kumari
ABOVE PHOTOGRAPH WILL BE USED FOR
THE PARTICIPATION CERTIFICATE.
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